भारत में पशुपालन अब ₹17 लाख करोड़ का बड़ा बाजार बन चुका है। CLFMA के चेयरमैन दिव्य कुमार गुलाटी ने बताया कि मक्के की कीमतें एथेनॉल ब्लेंडिंग की वजह से बढ़ रही हैं, जिससे पोल्ट्री इंडस्ट्री पर असर पड़ रहा है। भारत की पोल्ट्री इंडस्ट्री हर साल 8-10% की दर से बढ़ रही है और गल्फ व CIS देशों में इसकी भारी डिमांड है। जानिए इस सेक्टर की पूरी रिपोर्ट और क्या हैं आगे के बड़े मौके।
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